कुष्ठ रोग (Leprosy ) मायकोबक्टेरिम लेप्री नामक संक्रमित जीवाणु से मनुष्य के शरीर में फैलने वाली बीमारी का नाम है। कुष्ठ रोग से पीड़ित रोगी शारीरिक रूप से तो प्रभावित तो होते ही है तथा मानसिक रूप से भी कमजोर हो जाते है। कुष्ठ रोग एक गंभीर रोगों में एक रोग माने जाते है। कुष्ठ रोग का अटैक शरीर के किसी भाग से हो सकते है और फैलते -फैलते पुरे शरीर को प्रभावित कर सकते है। लेकिन कुष्ठ रोग का ईलाज समय रहते किया जाय तो यह कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। कुष्ठ रोग की पहचान ससमय किया जाय तो हम इसे कुछ आसान घरेलु नुस्खे को अपनाकर इसका उपचार बड़ी आसानी से कर सकते है।
कुष्ठ रोग के लक्षण Leprosy Ke Lakshan :-
- कुष्ठ रोग से पीड़ित रोगी के शरीर किसी भाग में धब्बे का निशान हो जाते है।
- कुष्ठ रोगी के चेहरे या शरीर के किसी भाग लाल धब्बे का निशान हो जाते है।
- कुष्ठ रोगी के त्वचा के रंग तथा गठन में परिबर्तन होने लगते है।
- कुष्ठ रोगी के शरीर के किसी भाग में रंगहीन दाग पड़ जाते है तथा चुभन का अनुभव नहीं होते है।
- कभी -कभी कुष्ठ रोगी के हाथ -पैर या शरीर के कोई भाग सूने पड़ जाते है।
- कुष्ठ रोगी से पीड़ित रोगी के शरीर में कभी -कभी ऐठन आ जाते है।
कुष्ठ रोग के कारण Leprosy Ke Karan :-
- कुष्ठ रोग का सबसे मुख्य कारण खून ख़राब होना है।
- कुष्ठ रोग का एक कारण रोगी के शरीर में हार्मोन्स की गड़बड़ी से भी हो सकते है।
- कुष्ठ रोग जायदा मसालेदार खाना खाने से भी हो सकते है।
- कुष्ठ रोग का एक कारण जायदा पावर के दवाई का अधिक उपयोग करने से भी हो सकते है।
- कुष्ठ रोग अधिक नमक का सेवन करने से भी हो सकते है।
- कुष्ठ रोग का एक प्रमुख कारण नशीले चीजों का सेवन करना भी माना जाता है।
कुष्ठ रोग के घरेलु उपचार Herbal Home Remedies For Leprosy :-
- कुष्ठ रोग में नारियल का तेल काफी असरदार औषधि माने जाते है। नारियल का तेल एक हरी बोतल में डाल दे और उस बोतल को सूर्य के धुप में रख दे तथा उसमे नींबू का रस मिलाकर कुष्ठ रोग से ग्रसित जगह पर लगाने से काफी लाभ मिलते है।
- कुष्ठ रोग के रोगी हरी या पीले रंग के बोतल में 25 लीटर पानी को सूर्य के धुप में रखकर आठ दिन रोजाना आठ बार पीने से कुष्ठ से निजाद मिलते है।
- कुष्ठ रोगी के लिए हल्दी काफी असरदार चीज माने जाते है। शुद्ध हल्दी का पेस्ट बनाकर उस पेस्ट को कपड़े में लगाकर कुष्ठ ग्रसित स्थान पर लगाने से जलन से काफी राहत महसूस होते है। हल्दी एक तरह से मलहम का काम करती है।
- कुष्ठ के लिए नीम का उपयोग आदिकाल से काफी लाभदायक माने जाते रहे है। कुष्ठ के रोगी नीम के पत्ते को पीसकर कुष्ठ से ग्रसित स्थान पर लगाने से राहत मिलती है तथा जख्म भी ख़त्म होते है।
- कुष्ठ के रोगी को नीम के पत्ते को पानी में डालकर नहाने से काफी लाभ मिलते है।
- कुष्ठ रोगी को नीम पत्ते के पेस्ट में कालीमिर्च का पॉउडर मिलाकर लगाने से ओर बेहतर लाभ मिलते है।
- कुष्ठ रोगी के लिए गोटू कोला के पत्ते काफी लाभकारी होते है। गोटू कोला के पत्ते को पानी को उस समय तक उबाल ले जबतक कि पानी आधा न हो जाये और उस पानी को छानकर उसको तीन बराबर मात्रा में बाँट ले तथा उस पानी को रोजाना तीन बार सेवन करने से कुष्ठ से काफी आराम मिलते है।
- वाबची का प्रयोग काफी पुराने ज़माने से रामबाण औषधि के रूप में किया जाता रहा है। बावची के पत्ते का पेस्ट बनाकर कुष्ठ से ग्रसित स्थान पर लगाने से जख्म को समाप्त करने का तो काम करती है साथ -ही -साथ जलन से भी राहत मिलते है।
- कुष्ठ के रोगी के लिए व्हीट ग्रश एक चमत्कारी दवा मानी जाती है। कुष्ठ से ग्रसित स्थान पर व्हीट ग्रश का पेस्ट बनाकर लगातार लगाने से काफी लाभ होने के साथ -साथ काफी आराम मिलता है।
- कालमोगरा का तेल कुष्ठ के लिए काफी लाभकारी दवा मानी जाती है। कालमोगरा के तेल में नींबू का रस मिलाकर कुष्ठ से ग्रसित जगह पर रोजाना लगाने से कुष्ठ का जख्म काफी जल्दी ख़त्म हो जाते है और कुष्ठ से निजाद मिलते है।
कुष्ठ रोग के घरेलु उपचार - Herbal Home Remedies For Leprosy.
Reviewed by A Sinha
on
फ़रवरी 04, 2018
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